बसपा के 6 विधायकों का कांग्रेस में विलय करा दिया है. इसको लेकर भी कानूनी दांव-पेच चल रहा है. बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय को कोर्ट में चुनौती दी गई है. कोर्ट 11 तारीख को इस पर फैसला सुना सकता है. ऐसे में कांग्रेस को एक डर यह है कि यदि कोर्ट का फैसला खिलाफ जाता है तो गहलोत सरकार को बचाना मुश्किल हो सकता है. इसे देखते हुए कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेता सचिन पायलट के साथ सुलह करने की कवायद में जुटे हैं, ताकि समय रहते सरकार पर आने वाले संकट को टाला जा सके. इसे देखते हुए राहुल और प्रियंका गांधी की मुलाकात को बेहद अहम माना जा रहा है.
नई दिल्ली. राजस्थान में विधानसभा के विशेष सत्र का समय समीप आने के साथ ही कांग्रेस शासित इस प्रदेश को लेकर सियासी सरगर्मियां (Rajasthan Crisis) बढ़ गई हैं. बागी तेवर अपनाए सचिन पायलट (Sachin Pilot) द्वारा राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मिलने का वक्त मांगने के बाद अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष से मुलाकात की है. दोनों के बीच बैठक भी हुई है. राजस्थान में बरकरार राजनीतिक गतिरोध और अशोक गहलोत सरकार पर छाए संकट को देखते हुए इस बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है.
बता दें कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच जारी मतभेद के कारण प्रदेश कांग्रेस में दरार आ गई है. सचिन पायलट ने 19 समर्थक विधायकों के विरोध का बिगुल फूंक दिया है. इसके बाद से प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर खतरा मंडराने लगा है. दूसरी तरफ, यह मामला हाईकोर्ट होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंच चुका है. विधानसभा के विशेष सत्र को देखते हुए कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व सचिन पायलट को मनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहता है. यही वजह है कि रविवार को जैसलमेर में कांग्रेस विधायकों की बैठक में पायलट और उनके समर्थक MLA पर कार्रवाई की मांग के बावजूद कई वरिष्ठ नेता सुलह की कोशिश में जुटे हैं, ताकि विश्वासमत से पहले पार्टी को एकजुट कर सरकार पर आए संकट को टाला जा सके.